Tuesday, June 23, 2015

SAD URDU POETRY .......Mohabbat Mom Hoti Hai..





Lyrics and graphics: Seema Gupta

Voice: Zahid Nisar

सुना है उसकी आँखों से

हमेशा बर्फ  गिरती है

वो जब खामोश होती है

क़यामत काँप  जाती है

वो अपने पावं  के छालों पे

मरहम भी नहीं रखती

वो अपने जिस्म -ओ - जां में

इश्क़ की सरहद नहीं रखती

उसे मतलब नहीं

बाम-ए-फ़लक के चाँद तारों से

उसे तो रब्त है

सदियों पुराने ग़म गुसारों  से

कोई तो उसको समझाए

मोहब्बत मोम होती है

कभी ऐसा भी होता है

मोहब्बत में

मोहब्बत से

मोहब्बत टूट  जाती है

मोहब्बत मोम होती है

मोहब्बत मोम होती है ......

Wednesday, May 27, 2015

Poetry Published in HOLAND (Netherlands) in Literary magazine " Amstel Ganga" April 2015 Edition

नज़्म 
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"अश्को के घुंघरू "

धडकनों के अनगिनत जुगनू
कहाँ सब्र से काम लेते हैं
चारो पहर खुद से उलझते हैं
तेरे ही किस्से तमाम होते हैं
लम्हा लम्हा तुझको दोहराना
यही एक काम उल्फत का
हवाओं के परो पर लिखे
इनके पैगाम होते हो
कभी बेदारियां खुद से
कभी शिकवे शिकायत भी
तेरी यादो की शबनम में
मेरे अश्को के सब घुंघरू
तबाह सुबह शाम होते हैं
धडकनों के अनगिनत जुगनू
कहाँ सब्र से काम लेते...
(seema)